मारवाड़ी व असमिया समुदाय के समन्वय सेतु पदम जैन
विजयनगर। ‘कल्पना’ पत्रिका के संस्थापक सम्पादक व लेखक-साहित्यकार स्व. पदम जैन की पुण्य स्मृति में प्रकाशित ‘कल्पना’ पत्रिका के नवीनतम विशेषांक का विमोचन बीते कल विजयनगर में आयोजित एक गरिमामय समारोह में किया गया।
उक्त समारोह में विजयनगर जैन पंचायत के अध्यक्ष शांतिलाल बगड़ा, सलाहकार बाबूलाल काला, कोषाध्यक्ष निर्मल कुमार गंगवाल, मंत्री ललित कुमार अजमेरा, स्व. पदम कुमार जैन की धर्मपत्नी सुमित्रा देवी बगड़ा, भाई रतनलाल बगड़ा व वर्तमान में इस पत्रिका के संपादक दिगम्बर बगड़ा मंचासीन थे।
इसके अलावा ‘आगमन’ पत्रिका के संपादक राजकुमार झांझरी, असम के ग्वालपाड़ा जिले की विदेशी न्यायाधीकरण के सदस्य दिलीप कुमार काला समेत कईं अन्य विशिष्ट व्यक्तियों ने सभा की गरिमा को सुशोभित किया।
सभा का शुभारंभ समता देवी बगड़ा, कल्पना देवी गंगवाल व स्वाति दिगम्बर बगड़ा द्वारा मंगलाचरण पाठ के साथ किया गया।
तत्पश्चात स्व. पदम कुमार जैन की तस्वीर पर उनकी धर्मपत्नी सुमित्रा देवी बगड़ा व मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित किया।
दिलीप कुमार काला ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि समाज की निःस्वार्थ सेवा करने वालों को भगवान अपने पास जल्दी बुला लेते हैं। अपनी पिता की स्मृति को जीवंत बनाकर ‘कल्पना’ के रुप में स्मृति विशेषांक का प्रकाशन करने का महत कार्य उनके सुपुत्र ने किया है।
तत्पश्चात राजकुमार झांझरी, राज कुमार गंगवाल (नलबाड़ी), बिमल बगड़ा, स्वाति दिगम्बर बगड़ा आदि ने भी स्व. पदम जैन के जीवन से जुड़े अनछूए पहलुओं पर प्रकाश डाला।
वहीं, सभा के संचालक व स्थानीय जैन पंचायत के मंत्री ललित कुमार अजमेरा ने स्व. पदम जैन की साहित्यिक रुची तथा उनके साहित्य कर्माें की विस्तृत जानकारी देने के साथ असम साहित्य सभा के भूतपूर्व सभापति ने पदम जैन के संदर्भ में जो व्यक्तिगत टिप्पणी की थी, उस पर काफी सुदंर ढंग से प्रकाश डाला।
इसके बाद मंचासीन अतिथियों ने इस त्रिभाषिक पत्रिका ‘कल्पना’ के संस्थापक संपादक ‘पदम कुमार जैन स्मृति विशेषांक’ का विमोचन किया।
ज्ञात रहे कि कल्पना का पहला अंक करीब 50 वर्ष पूर्व प्रकाशित हुआ था तथा उस जमाने में काफी विषम परिस्थितियों के बावजूद भी संस्थापक संपादक पदम कुमार जैन ने इसका प्रकाशन जारी रखा था।
वर्तमान में पत्रिका के संपादक तथा स्व. पदम कुमार जैन के सुपुत्र दिगम्बर बगड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि यह विशेषांक स्व. साहित्यकार पदम जैन द्वारा समाज, साहित्य व जाति के हित में उनके निस्वार्थ अवदानों को समर्पित है।
आज से 50 वर्ष पूर्व साहित्य सेवा हेतु कल्पना पत्रिका का प्रकाशन कर असम में बहुभाषिक साहित्य सेवा की जो अलख पदम जैन ने जलाई थी, उसी से प्रेरित होकर कल्पना आगे भी प्रकाशित होती रहेगी तथा कल्पना परिवार कभी भी स्व. जैन के अवदानों को नहीं भूल सकता है।
सभा के अंत में पत्रिका के संपादक दिगम्बर बगड़ा ने सभी का आभार व धन्यवाद ज्ञापन किया।